Hindi Stories – जब से चीनियों ने लकड़ी की लुगदी को कागज की चादरों में बदलने की प्रक्रिया का आविष्कार किया, तब से दुनिया को इस बहुमुखी उत्पाद से प्यार हो गया है। लेकिन यह प्रक्रिया एक महान वरदान और अभिशाप दोनों है।
हां, हमें इससे पैकेज लेबल से लेकर ड्राइंग शीट तक सब कुछ मिलता है। लेकिन कागज बनाने के लिए हर साल लाखों पेड़ों को काट दिया जाता है, जिसका इस्तेमाल दस मिनट में किया जा सकता है। पेड़ को बढ़ने में जीवनकाल लगता है। लेकिन इंसान की जरुरत पूरी करने के लिए इन पेड़ों को चंद घंटों में काट दिया जाता है।
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क्या पेड़ों को बचाने का कोई उपाय है? – Hindi Stories
अभी इसका कोई स्थायी समाधान तो नही है। लेकिन हम इसके प्रभाव को कम करने की पूरी कोशिश कर सकते हैं। रीसाइक्लिंग इसका एक तरीक़ा है, जिससे हम पेड़ों को बचा सकते हैं। लेकिन printed पेपर में इंक भी होती हैं, इन सबको रिसाइकल करने पर हमें डार्क और रफ शीट मिलती है। और इसकी लागत भी ओरिजिनल पेपर से ज़्यादा हो जाती है।
भारत के जुगाड़ू लोगों ने इसका एक और समाधान बहुत पहले ही निकाल लिया था। जिसे आप हर रोज देखते होंगे। हमारे स्ट्रीट वेंडर्स ने पुराने कागज का उपयोग सामानों को रैप करने के लिए करते हैं।
लेकिन हमें मानना पड़ेगा की यह कोई स्थायी समाधान नही है और ना ही इससे पेड़ों को बचाया जा सकता, फिर भी कुछ हद तक इनसे पर्यावरण को मदद जरूर मिलती है।
ऐसे में अब अपसाइक्लिंग का सहारा लेना पड़ता है। आइए आपको ऐसी ही अपसाइक्लिंग की Hindi stories बताते हैं, जिसमें एक डिजाइनर स्प्रीहा चोखानी (Spriha Chokhani) सफल हो चुकी हैं।
फैशन डिजाइनर और उद्यमी स्प्रीहा चोखानी की हिंदी कहानी – Hindi Stories of Fashion Designer and Entrepreneur Spriha Chokhani
Spriha Chokhani : Successful business woman story
अपसाइक्लिंग की दुनिया को Spriha Chokhani जैसे लोग दिलचस्प बनाते हैं। जयपुर स्थित उत्पाद डिजाइनर और उद्यमी स्प्रीहा, पल्प फैक्ट्री (Pulp Factory) की संस्थापक हैं। पल्प फैक्ट्री (Pulp Factory) 2017 में स्थापित एक डिज़ाइन स्टूडियो है, जो बेकार कागज की अपसाइक्लिंग करके उसे बेहतर उत्पाद में बदलता है।
Note 👉 👉 👉 Story is Under Construction….Visit Again 🙏🙏🙏🙏